जनवरी 2025 में केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की घोषणा कर दी थी, जिससे देशभर के करीब 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। हालांकि आयोग का औपचारिक गठन अभी बाकी है, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि इसकी सिफारिशें 2025 के अंत तक सामने आ सकती हैं और इन्हें जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है।
अभी तक नहीं हुआ चेयरपर्सन और सदस्यों का चयन
हालांकि केंद्र सरकार ने आयोग की घोषणा कर दी है, लेकिन अभी तक न तो चेयरपर्सन और सदस्यों की नियुक्ति हुई है और न ही कार्यदिशा (ToR) तय की गई है। इसके बावजूद आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार सिफारिशों को लेकर तेज़ी से काम कर रही है ताकि आगामी वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले वेतन ढांचे में बदलाव संभव हो सके।
फिटमेंट फैक्टर कितना हो सकता है?
सबसे ज्यादा चर्चा जिस चीज़ को लेकर हो रही है, वह है फिटमेंट फैक्टर। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार यह फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच रह सकता है। यह वही गुणांक होता है, जिससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को गुणा कर नया वेतन तय किया जाता है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह फैक्टर जितना अधिक होगा, सैलरी में उतनी ही ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
फिटमेंट फैक्टर का मतलब और असर
फिटमेंट फैक्टर एक गणितीय गुणांक होता है, जिसका उपयोग कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को फिर से निर्धारित करने में किया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की वर्तमान बेसिक सैलरी ₹18,000 है और नया फैक्टर 2.0 तय होता है, तो नई बेसिक सैलरी ₹36,000 हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, महंगाई भत्ता, एचआरए और अन्य भत्ते अलग से जोड़े जाएंगे।
7वें वेतन आयोग की तरह होगी प्रक्रिया
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा गया था। उसी प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए इस बार भी नए वेतन ढांचे में मौजूदा महंगाई भत्ते को खत्म कर नया बेसिक तय किया जाएगा, और उसके बाद से फिर से डीए की गणना की जाएगी। यह तरीका पारदर्शी और कर्मचारियों के हित में माना जाता है।
जनवरी 2026 में लागू हो सकता है नया वेतनमान
Ambit Institutional Equities की हालिया रिपोर्ट बताती है कि आयोग की सिफारिशें 2025 के अंत तक आ सकती हैं और इसे जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है। हालांकि, यह पूरी प्रक्रिया आयोग की रिपोर्ट, सरकार की समीक्षा और अंततः कैबिनेट की मंजूरी पर निर्भर करेगी।
कितनी बढ़ेगी सैलरी, क्या कहती हैं रिपोर्ट्स?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि कर्मचारियों की सैलरी में वास्तव में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है? Business Today की एक रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹18,000 से बढ़ाकर ₹51,480 तक की जा सकती है। यानी कुल मिलाकर 30% से 34% तक की संभावित बढ़ोतरी अनुमानित है, जो लाखों परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूती दे सकती है।
सरकार की मंशा और आगे की प्रक्रिया
जैसे ही 8वें वेतन आयोग की संरचना और दिशा-निर्देश तय होंगे, आयोग अपनी रिपोर्ट सौंपने की ओर बढ़ेगा। इसके बाद केंद्र सरकार उस रिपोर्ट की समीक्षा करेगी और कैबिनेट की मंजूरी लेकर वित्त वर्ष 2026–27 से नया वेतन ढांचा लागू कर सकती है। इससे न केवल मौजूदा कर्मचारियों को फायदा होगा, बल्कि पेंशनभोगियों को भी राहत मिलने की संभावना है।